Tuesday 2 February 2016

इक नयी दोस्त

चंचल खिली खिली 
इक नयी दोस्त 
हमारे होठो की हँसी 
इक नयी दोस्त 

इतराती मुस्कुराती 
कभी हम पे हँसती 
कभी हमें हँसाती 
इक नयी दोस्त 

''सॉरी" बहुत ज्यादा 
कहती है 
बहुत खास हैं 
हमें उनपे नाज है 
इक नयी दोस्त